(हम जो चलने लगे, चलने लगे हैं ये रास्ते
आ हा हा मंज़िल से बेहतर लगने लगे हैं ये रास्ते) - २
आओ खो जाए हम, हो जाये हम यूं लापता
आओ मीलों चलें, जाना कहाँ ना हो पता
हम जो चलने लगे, चलने लगे हैं ये रास्ते
आ हा हा मंज़िल से बेहतर लगने लगे हैं ये रास्ते
(बैठे बैठे ऐसे कैसे कोई रस्ता नया सा मिले
तू भी चले मैं भी चलूँ, होंगे कम ये तभी फासलें) - २
आओ तेरा मेरा ना हो किसीसे वास्ता
आओ मीलों चलें, जाना कहाँ ना हो पता
हम जो चलने लगे, चलने लगे हैं ये रास्ते
आ हा हा मंजिल से बेहतर लगने लगे है ये रास्ते
हो ओ ओ ओ ... ???
थाने कई कई मैं समझाऊँ - २
कि थारे बिना जी न लागे - २
(आंखें खोले नींदें बोले जाने कैसी जगी बेखुदी
यहाँ वहाँ देखो कहाँ लेके जाने लगी बेखुदी) - २
आओ मिल जायेगा होगा जहाँ पे रास्ता
आओ मीलों चलें, जाना कहाँ ना हो पता
हम जो चलने लगे, चलने लगे हैं ये रास्ते
आ हा हा मंज़िल से बेहतर लगने लगे हैं ये रास्ते
सजनी सजनी तुम्हें मत जानियो,
प्रीत की ये दु शिको ???
लगनी लागे ना, देख ले प्रीत ना करियो
Sunday, March 30, 2008
आओ मीलों चले - जब वी मेट
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