Mujhe Mat Roko - Gangster
मुझे मत रोको
मुझे यार के घर जाने दो
मुझे मत रोको
मुझे यार के घर जाने दो
मैं हूँ परवाना
मुझे शमा पे मिट जाने दो
मुझे मत रोको
उसको पाना ही मेरी जिन्दगी का मकसद है - २
अगर वो मिलता है मुझे मरके तो मर जाने दो - २
मुझे मत रोको
दिल की आंखों ने मेरी अपना सनम देख लिया - २
अब इसी दर पे मेरे दम को निकल जाने दो - २
मुझे मत रोको
मुझे यार के घर जाने दो
मुझे मत रोको
मुझे यार के घर जाने दो
मैं हूँ परवाना
मुझे शमा पे मिट जाने दो
मुझे मत रोको
Tuesday, May 22, 2007
मुझे मत रोको - गैंगस्टर
ya ali - gangster
या अली रहम अली
या अली यार पे कुरबां है सभी
या अली मदद अली
या अली ये मेरी जां ये जिन्दगी
इश्क पे हाँ मिटा दूं लुटा दूं
मैं अपनी खुदी
यार पे हाँ लुटा दूँ मिटा दूँ
मैं ये हस्ती
या अली रहम अली
या अली यार पे कुरबां है सभी
या अली मदद अली
या अली ये मेरी जां ये ज़िंदगी
मुझे कुछ पल दे पुर्वत के
फकी हम तेरी चाहत के
रहे बेचैन दिल कब तक
मिलें कुछ पल तो राहत के
चाहत पे इश्क पे हां मिटा दूं लुटा दूं
मैं अपनी खुदी
यार पे हाँ लुटा दूँ मिटा दूँ
मैं ये हस्ती
या अली रहम अली
या अली यार पे कुर्बान है सभी
या अली मदद अली
या अली ये मेरी जां ये जिन्दगी
बिना तेरे ना इक पल हो, ना बिन तेरे कभी कल हो
ये दिल बन जाये पत्थर का, ना इसमें कोई हलचल हो
सनम पे हां इश्क पे हां मिटा दूं लुटा दूं
मैं अपनी खुदी
क़सम से हां लुटा दूं मिटा दूं
मैं ये हस्ती
या अली रहम अली
या अली यार पे कुर्बान है सभी
या अली मदद अली
या अली ये मेरी जां ये जिन्दगी
Wednesday, May 2, 2007
मैंने सोचा ना था
maine socha na tha - Yes Boss
एक दिन आप यूं हमको मिल जाएंगे
फूल ही फूल राहों में खिल जाएंगे
मैंने सोचा न था
एक दिन ज़िंदगी इतनी होगी हसीं
झूमेगा आसमां गाएगी ये ज़मीं
मैंने सोचा न था
दिल की डाली पे कलियां सी खिलने लगीं
जब निगाहें निगाहों से मिलने लगीं (२)
एक दिन इस तरह होश खो जाएंगे
पास आए तो मदहोश हो जाएंगे
मैंने सोचा न था
एक दिन आप यूं ...
जगमगाती हुई जागती रात है
रात है या सितारों की बारात है (२)
एक दिन दिल की राहों में अपने लिए
जल उठेंगे मोहब्बत के इतने दिये
मैंने सोचा न था
एक दिन ज़िंदगी इतनी होगी हसीं
झूमेगा आसमां गाएगी ये ज़मीं
मैंने सोचा न था
एक दिन आप यूं हमको मिल जाएंगे
फूल ही फूल राहों में खिल जाएंगे
मैंने सोचा न था
तू माने या ना माने
तू माने या ना माने दिलादारा
असां ते तैनू रब मनया
दस होर केड़ा रब दा दवारा
असां ते तैनू रब मनया
अपने तन कि ख़ाक उतारी
तब ये इश्क की मंज़िल पायी
मेरी साँसों का बोले इकतारा
असां ते तैनू रब मनया
तुझ बिन जीना भी क्या जीना
तेरी चौखट मेरा मदीना
कहीँ और ना सजदा गंवारा
असां ते तैनू रब मनया
हँसते हँसते हर गम सहना
राज़ी तेरी रज़ा में रहना
तूने मुझको सिखाया है यारा
असां ते तैनू रब मनया