Saturday, April 28, 2007

चुरा लो ना - करीब

दिल मेरा चुरा लो
आँखों में छुपा लो
अपना बना लो सनम

ना ना ना..
ना ना ना..
हाँ हाँ हाँ
ना ना ना ना

चुरा लो ना दिल मेरा सनम
बना लो ना अपना सनम
कि तेरे बिन ना जी सकेंगे
कि तेरे बिन ना मर सकेंगे
कुछ भी ना कर सकेंगे

चुरा लो ना दिल मेरा सनम
चुरा लें क्यों दिल तेरा सनम

ना ना ना..
हाँ हाँ हाँ
ना ना ना ना

मसाला बाँट लूं
मैं प्याज काट लूं
छुरी किधर गयी
उफ़ है नल खुला हुआ

मैं कह रहा हूँ क्या
तू सुन रही है क्या
तू सुन रही है क्या
मैं कह रहा हूँ क्या

तेरा दीवानापन है ये
ओ बेखबर किचन है ये
यह क्यों वहाँ उठा धुँआ
क्या जाने क्या जल गया

तेरे बिन ना जी सकेंगे
कि तेरे बिन ना मर सकेंगे
कुछ भी ना कर सकेंगे
चुरा लो ना दिल मेरा सनम
चुरा लें क्यों दिल तेरा सनम

ना जाने क्या कहा
कहो ना फिर ज़रा
सुनूं में गौर से
कहो ना ज़ोर से

कहा जो ज़ोर से
तो चारों और से
हसेंगे हम पे सब
हमारे शोर से

करेंगे बात फिर कभी
जवाब चाहिए अभी
नहीं नहीं अभी नहीं
इतनी भी जल्दी है क्या

कि तेरे बिन ना जी सकेंगे
कि तेरे बिन ना मर सकेंगे
हम सोच कर कहेंगे

अच्छा हुआ जो प्यार कि पहचान हो गयी
देते थे जिस पे जान वो अनजान हो गयी
मौसम तो मैं नहीं हूँ
जो आऊंगा जाऊँगा
रूठा जो एक बार तो वापस ना आऊँगा

ना ना ना..
ना ना ना..
हाँ हाँ हाँ
ना ना ना ना

चुरा लो ना दिल मेरा सनम
बना लो ना अपना सनम
कि तेरे बिन ना जी सकेंगे
कि तेरे बिन ना मर सकेंगे
हम सोच कर कहेंगे

दिल मेरा चुरालो
आँखों में छुपा लो
अपना बनालो सनम..