Sunday, March 30, 2008

जिया धड़क धड़क - कलयुग

तुझे देख देख सोना - २
तुझे देख कर है जगना
मैंने ये ज़िंदगानी
संग तेरे बितानी
तुझमें बसी है मेरी जान हाय
(जिया धड़क धड़क - ३
जाये) - २
तुझे देख देख सोना
तुझे देख कर है जगना
मैंने ये ज़िंदगानी
संग तेरे बितानी
तुझमें बसी है मेरी जान हाय
जिया धड़क धड़क - ३
जाए

कबसे है दिल में मेरे अरमां कई अनकहे - २
इनको तू सुनले आजा चाहत के रंग चढ़ा जा - २
कहना कभी तो मेरा मान हाय
(जिया धड़क धड़क - ३
जाये) - २

लगता है ये क्यों मुझे सदियों से चाहूँ तुझे - २
मेरे सपनो में आके अपना मुझको बनाके - २
मुझपे तू कर एहसान हाय
(जिया धड़क धड़क - ३
जाये) - २

तुझे देख देख सोना
तुझे देख कर है जगना
मैंने ये ज़िंदगानी
संग तेरे बितानी
तुझमें बसी है मेरी जान हाय
(जिया धड़क धड़क - ३
जाए) - २

धड़क जाए जिया
धड़क जाए जाए
जिया धड़क धड़क
जिया धड़क धड़क
धड़क धड़क धड़क जाए
(जिया धड़क धड़क - ३
जाए) - ४

आओ मीलों चले - जब वी मेट


(हम जो चलने लगे, चलने लगे हैं ये रास्ते
आ हा हा मंज़िल से बेहतर लगने लगे हैं ये रास्ते) - २
आओ खो जाए हम, हो जाये हम यूं लापता
आओ मीलों चलें, जाना कहाँ ना हो पता
हम जो चलने लगे, चलने लगे हैं ये रास्ते
आ हा हा मंज़िल से बेहतर लगने लगे हैं ये रास्ते

(बैठे बैठे ऐसे कैसे कोई रस्ता नया सा मिले
तू भी चले मैं भी चलूँ, होंगे कम ये तभी फासलें) - २
आओ तेरा मेरा ना हो किसीसे वास्ता
आओ मीलों चलें, जाना कहाँ ना हो पता

हम जो चलने लगे, चलने लगे हैं ये रास्ते
आ हा हा मंजिल से बेहतर लगने लगे है ये रास्ते

हो ओ ओ ओ ... ???
थाने कई कई मैं समझाऊँ - २
कि थारे बिना जी न लागे -

(आंखें खोले नींदें बोले जाने कैसी जगी बेखुदी
यहाँ वहाँ देखो कहाँ लेके जाने लगी बेखुदी) - २
आओ मिल जायेगा होगा जहाँ पे रास्ता
आओ मीलों चलें, जाना कहाँ ना हो पता
हम जो चलने लगे, चलने लगे हैं ये रास्ते
आ हा हा मंज़िल से बेहतर लगने लगे हैं ये रास्ते

सजनी सजनी तुम्हें मत जानियो,
प्रीत की
ये दु शिको ???
लगनी लागे ना, देख ले प्रीत ना करियो

Thursday, March 6, 2008

कहो न कहो - मर्डर

कहो न कहो ये आँखें बोलती हैं
ओ सनम ओ सनम, ओ मेरे सनम
मोहब्बत के सफर में ये सहारा है
वफ़ा के साहिलों का यह किनारा है -

बादलों से ऊंची उड़ान उन की
सब से अलग पहचान उन की
उनसे है प्यार की कहानी मनसूब
आती जाती साँसों की रवानी मनसूब -

कहो न कहो ये आँखें बोलती हैं
ओ सनम ओ सनम, ओ मेरे सनम
मोहब्बत के सफर में तू हमारा है
अँधेरे रास्तों का तू सितारा है

तू ही जीने का सहारा है
मेरी मौजों का किनारा है
मेरे लिए ये जहाँ है तू
तुझे मेरे दिल ने पुकारा है

कहो न कहो ये साँसे बोलती हैं
ओ सनम ओ सनम, ओ मेरे सनम
लबों पे नाम तेरे बस हमारा है
ये तेरा दिल भी जाना हमारा है

कहो न कहो ये आँखें बोलती हैं
ओ सनम ओ सनम, ओ मेरे सनम
मोहब्बत के सफर में ये सहारा है
वफ़ा के साहिलों का ये किनारा है

ख़्वाबों में तुझको संवारा है
जज़्बों में अपने उतारा है
मेरी ये आँखें जिधर देखे
तेरा ही चेहरा नज़ारा है - ४

Thursday, December 20, 2007

कबीर - नैहरवा

Kabir's Naiharwa...recently renditioned by Kailash Kher in Kailasa

नैहरवा हम का न भावे...(3)
साई कि नगरी ...परम अति सुन्दर,
जहाँ कोई जाए ना आवे
चाँद सुरज जहाँ, पवन न पानी,
कौ संदेस पहुँचावै
दरद यह... साई को सुनावै
आगे चालौ पंथ नहीं सूझे,
पीछे दोष लगावै
केहि बिधि ससुरे जाऊँ मोरी सजनी,
बिरहा जोर जरावे
विषै रस नाच नचावे
बिन सतगुरु आपनों नहिं कोई,
जो यह राह बतावे
कहत कबीर सुनो भाई साधो,
सपने में प्रीतम आवे
तपन यह जिया की बुझावे
नैहरवा...

Translation
I Don’t Find any Interest in My Parent’s House
My Beloved’s Town is Most Beautiful
However, Nobody Goes or Comes from There
There is no Moon, Sun, Wind or Water There
Then Who Will Take My Message There?
Then Who Will Tell My Pain to My Beloved?

There is No Visible Path to Move Forward
And You Blame the Past for It
How Should the Bride go to the House of the Beloved?
Powerful Pangs of Separation are Burning from Inside
Dual Reality is Fashioning a Dance to Its Tune

There is None Other Than the Guru Who is Mine Who Can Tell the Way
Says Kabir Listen oh Aspirant
Your Beloved Will Come in a Dream-like State
That Alone Will Quench the Thirst of your Heart

Explanation
In this song Kabir portrays himself like a bride who has gone to her parents house. But having gone there her soul burns from the pangs of separation from her beloved. The bride’s trouble is further complicated because there are no messengers (such as the Sun, Moon, Wind or Water) who can reach and convey her message to the beloved. She has no path or way to solve this problem. Meanwhile the separation is killing her from inside.

Kabir, in his mystical way, is comparing the separation of the individual from the universal self like that of a bride from her beloved. He explains that this insatiable thirst comes from the feeling of separation whose root lies in duality.

He then explains that the only person who can help out of this problem is the Guru. In his final parting signature note, Kabir reveals that the way to reach the beloved is not outside but Inside (similar to a dream-like state) which alone will satisfy the seemingly unending burning thirst.

Sunday, September 9, 2007

साँसों की माला पे

Sanson ki Mala pe - Nusrat Fateh Ali Khan


साँसों की माला पे सिमरूं मैं पी का नाम
अपने मन की मैं जानूँ और पी के मन की राम

With every breath I take, I chant the name of my beloved
I know of my heart, and God knows of the heart of my beloved

यही मेरी बंदगी है, यही मेरी पूजा

This is my salutation [and] this is my prayer.

एक था साजन मंदिर में और एक था प्रीतम मस्जिद में
पर मैं प्रेम के रंग में ऐसी डूबी बन गया एक ही रूप

One lover was in the temple and another in the mosque
but to me, immersed in the joy of love, both seemed same

प्रेम की माला जपते जपते आप बनी मैं श्याम

Chanting on rosary, the name of Shyam [Lord Krishna], I become him.
Note: A Hindu God sung and revered by the patrons of love.

हम और नहीं कुछू काम के
मतवारे पी के नाम के, हर दम

I am worthless except that
I surrender to the name of my beloved, all the time.

प्रीतम का कुछ दोष नहीं है वो तो है निर्दोष
अपने आप से बातें कर के हो गयी मैं बदनाम

My beloved is not to be blamed, it is no fault of his
I became infamous only because of talking to myself.

Thursday, July 26, 2007

Tuesday, July 10, 2007

तुमसे है जोड़ी

तुम से है जोड़ी, तुम से है जोड़ी
साँची प्रीत हम, तुम से है जोड़ी

जो तुम दिवरा तो हम बाती
जो तुम तीरथ तो हम जाती
तुम से है जोरी.............

जो तुम गिरिवर तो हम मोरा
जो तुम चंद तो हम भये हैं चकोरा
तुम से है जोड़ी.........

जहाँ जहाँ जाऊँ तहां तेरी सेवा
तुम सो ठाकुर और ना देवा
तुम से है जोड़ी.........

तुमरे भजन कथी हम फांसा
भगती जब गावे रविदासा
तुम से है जोड़ी............